जाने कॉमर्स स्ट्रीम के बच्चों के 12th पास के बाद क्या क्या ऑप्शन होते है | Course for Commerce Students | Commerce Students Courses After 12th

हर बच्चे के लिए एक अच्छा और बेहतर करियर बनाना बेहद जरूरी होता है जब बच्चों का 12th का रिज़ल्ट जारी होता है तो मानों बच्चों को उनके पुरे साल की मेहनत का फल मिल जाता है। उसके बाद सभी बच्चे अपने आगे के लिए और अच्छे करियर के लिए आगे की राह चुनते है। वो उस समय जो भी राह चुनते है वो ही उनके भविष्य की दिशा तय करता है। इसलिए  बच्चों को ये फैसला बहुत ही ज्यादा सोच समझ कर लेना चाहिए। आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस हर स्ट्रीम के बच्चे अपना करियर बनाने के लिए सोचते रहते है। यहाँ हम इस आर्टिकल में कॉमर्स की बात कर रहे है कि कॉमर्स के बच्चों के 12th पास करने के बाद ऑप्शन की कमी नहीं है। लेकिन ज़रूरी है कि आप सही समय पर सही ग्रेजुएशन कोर्स चुनने। आपके लिए ये काम आसान हो इसलिए कुछ चुनिंदा कोर्स की जानकारी हम आपको देने जा रहे है जो आपके करियर में काफी मददगार साबित हो सकता है।

Course for Commerce Students
Course for Commerce Students

कॉमर्स स्ट्रीम के बच्चों के पास 12th के बाद कोर्स | Graduation Course for Commerce Students After 12th

चार्टर्ड एकाउंटेंसी कोर्स | CA Foundation Course

चार्टर्ड एकाउंटेंसी यानि सीए एक कोर्स है जिसे कॉमर्स के बच्चे 12th के बाद कर सकते है। चार्टर्ड एकाउंटेंसी बनने के लिए बच्चे आगे बढ़ कर मेहनत करते हैं। हमारे देश भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंसी को ले कर सबसे ज्यादा उत्सुकता देखी जाती है। अगर आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से कुल मिलाकर कम से कम 50 फीसदी अंक मिले है तो आप भी 12th के बाद चार्टर्ड एकाउंटेंसी के लिए टॉय कर सकते है।

सीएस फाउंडेशन कोर्स | कंपनी सचिव कोर्स | CS Foundation Course

कंपनी सचिव यानि की सीएस एक कोर्स है जिसे कॉमर्स के बच्चे 12th के बाद कर सकते है। कंपनी सचिव बनने के लिए बच्चे आगे बढ़ कर मेहनत करते हैं। कंपनी सचिव या सीएस भी बच्चों में सीए के बाद सबसे ज्यादा लोकप्रिय कोर्स है। कंपनी सचिव का कोर्स भी 12वीं में 50 फीसदी अंक हासिल करने के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स को करने के बाद नौकरी की अपार संभावनाएं खुल जाती है। और इस कोर्स के बाद छात्र कंपनी सचिव बनने की योग्यता प्राप्त कर लेता है।

बीकॉम इन अकाउंटिंग एंड कॉमर्स कोर्स | B.Com in Accounting and Commerce Course

बैचलर ऑफ कॉमर्स यानि बीकॉम एक डिग्री कोर्स/ग्रेजुएशन कोर्स है जिसे कॉमर्स के बच्चे 12th के बाद कर सकते है। बीकॉम इन अकाउंटिंग एंड कॉमर्स को हर कॉलेज अपने कोर्स में शामिल ज़रूर करता है। इस कोर्स की अवधि भारतीय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 3 साल की होती है। जिसे किसी भी यूनिवर्सिटी या अन्य शिक्षण संस्थान से किया जा सकता है। इससे करने के बाद आपके पास नौकरी की अपार संभावनाएं खुल जाती है।

बीबीए एलएलबी कोर्स | BBA LLB Course

बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ ऑनर्स, एक स्नातक प्रशासनिक कानून पेशेवर एकीकृत कोर्स है। जिसे कॉमर्स के बच्चे 12th के बाद कर सकते है। बीबीए एलएलबी का चयन करने वाले बच्चे बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और लॉ का अध्ययन करते हैं। कोई भी बच्चा जिसने न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ 12वीं की हो इस कोर्स के लिए पात्र माना जाता है। देश में एलएलबी की पढ़ाई कराने वाले कई कॉलेज है। जिसके लिए प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की जाती है।

बीसीए कोर्स (आईटी एंड सॉफ्टवेयर) | BCA Course (IT/Software)

जिन भी बच्चों को कंप्यूटर पंसद होता है उनके लिए बीसीए (आईटी एंड सॉफ्टवेयर) एक अच्छा कोर्स है। बीसीए खासतौर से उन्ही स्टूडेंट के लिए है जो कंप्यूटर की भाषाओं की दुनिया को जानने की इच्छा रखते है। एक बीसीए की डिग्री कम्प्यूटर साइंस या सूचना प्रौद्योगिकी में बीटेक / बीई डिग्री के बराबर मानी जाती है। एक उम्मीदवार जिसने गणित के साथ किसी भी विषय से 12वीं पास की हो वो इसके लिए पात्र माना जाता है लेकिन ये याद रहे कि बीसीए करने वाले बच्चे के 12वीं में 45 फीसदी अंक होने ही चाहिए।

बीबीए / बीएमएस | BBA Course | BMS Course

बैचलर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन यानि बीबीए और बैचलर ऑफ मैनेजमैंट स्ट्डीज़ यानि बीएमएस एमबीए में मास्टर्स के लिए एक अहम भूमिका निभाता है। इस कोर्स को कॉमर्स के बच्चे 12th के बाद कर सकते है बीबीए / बीएमएस बिजनेस मैनेजमेंट में करियर चलाने के लिए यह एक बैचलर डिग्री है। जो किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं करने के बाद किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए बच्चे के कम से कम 50 फीसदी अंक 12वीं में आने चाहिए। हालांकि इस कोर्स को किसी भी स्ट्रीम का स्टूडेंट कर सकता है लेकिन कॉमर्स के स्टूडेंट को इसे समझना और भी आसान हो जाता है।

कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट कोर्स | CWA Course

कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट एक सीए से मिलता-जुलता कोर्स है। द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट ऑफ इंडिया कॉस्ट अकाउंटेंसी का कोर्स कराता है। 12वीं के बाद भी बच्चे CWA का कोर्स कर सकते हैं। इसके लिए 12वीं पास बच्चों को पहले फाउंडेशन कोर्स करना होता है। कोर्स पूरा करने के बाद बच्चे को कॉस्ट अकाउंटेंट और इससे जुडे़ पदों पर काम करने का मौका मिलता है। इसके लिए द इंस्टीटय़ूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में आवेदन करना होता है। एडमिशन के लिए जून और दिसम्बर में एंट्रेंस एग्जाम होता है। फाउंडेशन कोर्स के बाद इंटरमीडिएट कोर्स करना होता है और फिर सीए की तरह ही फाइनल एग्जाम देकर कोर्स पूरा होता है।

बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर कोर्स | Bachelor of Architecture Course

बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (B.Arch) एक ग्रेजुएशन कोर्स प्रोग्राम है। आर्किटेक्चर कोर्स इमारतों और अन्य भौतिक संरचनाओं की योजना, को डिजाइन और निर्माण करने की कला है। आर्किटेक्चर में कैरियर और विकास के मामले में बहुत संभावनाएं हैं। वास्तुकला की डिग्री इस तरह से डिज़ाइन की गई है ताकि यह पेशेवर प्रमाणित निकायों के शैक्षिक घटक को पूरा करे। इस क्षेत्र में विभिन्न कार्य जैसे स्थानिक डिजाइन, सुरक्षा प्रबंधन, सौंदर्यशास्त्र, सामग्री प्रबंधन आदि शामिल हैं।

डिप्लोमा इन एजुकेशन कोर्स | D.ED Course

D.Ed या डिप्लोमा इन एजुकेशन एक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो उम्मीदवारों को नर्सरी स्कूल शिक्षक बनने के लिए सुसज्जित करता है। यह पाठ्यक्रम मूल रूप से भारत में प्राथमिक स्तर की शिक्षा को पूरा करता है और शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम है। जिस विश्वविद्यालय / कॉलेज में प्रवेश के लिए उम्मीदवार आवेदन करते हैं, उसके आधार पर, डीएड कोर्स की अवधि एक से तीन वर्ष तक भिन्न होती है। पाठ्यक्रम पूरा करने की न्यूनतम अवधि भी हर संस्थान में भिन्न होती है। हालांकि, पाठ्यक्रम पूर्णकालिक और अंश कालिक दोनों कार्यक्रमों के रूप में उपलब्ध है। डीईडी कार्यक्रम में प्रवेश आमतौर पर विश्वविद्यालय / संस्थान स्तर पर आयोजित लिखित प्रवेश परीक्षा में उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर प्रस्तुत किया जाता है। हालांकि, कुछ संस्थान योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों को सीधे प्रवेश भी देते हैं। योग्यता सूची अधिकारियों द्वारा कक्षा 12 वीं की परीक्षा में उम्मीदवारों के अंकों के आधार पर तैयार की जाती है।

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