साइंस स्ट्रीम से 12वीं करने वाले विद्यार्थियों का वर्ग विषयों के आधार पर अलग-अलग होता है। इनमें PCM, PCB और PCMB शामिल हैं। यहाँ हम बात करेंगे PCMB की। जिन भी बच्चों ने 12वीं भौतिक, रसायन विज्ञान, बायोलॉजी व गणित विषयों के साथ पूरी की है वे यहाँ नीचे दिए हुए फ्लो-चार्ट से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि उन्हें किस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहिए। हमने यहाँ कुछ चुनिंदा कोर्सेज के नाम बताए है जिन्हे अपना कर आप अपना भविष्य अच्छा और उज्जवल बना सकते हैं। साथ ही साथ आपको ये भी बता दे कि PCMB से 12वीं करने वाले विद्यार्थियों के पास सबसे ज्यादा कोर्स के विकल्प होते हैं। PCMB से 12वीं करने वाले विद्यार्थि PCM और PCB, दोनों के कोर्स कर सकते हैं।
बीएससी डेयरी टेक्नोलॉजी | BSC in Dairy Technology
क्या आपको पता है बीएससी डेयरी टेक्नोलॉजी क्या है। अगर नहीं तो कोई बात नहीं आज हम आपको बतायेगे। डेयरी इंडस्ट्री के अंतर्गत पशुओं की देखभाल, दुग्ध उत्पादन तथा अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का निर्माण आदि प्रक्रियाओं को शामिल किया जाता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के मद्देनजर डेयरी इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन कर उभरी है, क्योंकि यहां पर प्रत्येक व्यक्ति दुग्ध एवं अन्य डेयरी उत्पादों पर निर्भर है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि कई बड़ी कंपनियां इस फील्ड में कदम रख चुकी हैं। मल्टीनेशनल कंपनियां भी देश में तेजी से आ रही हैं। इसके चलते अवसर भी खूब मिल रहे हैं तथा दूध के उत्पादन, उसकी प्रोसेसिंग तथा क्वालिटी कंट्रोल आदि विधियों में बदलाव देखने को मिल रहा है। इन उत्पादों को बड़े पैमाने पर विदेशों भेजने पर विदेशी मुद्रा भारत आ रही है। डेयरी टेक्नोलॉजी भी परंपरागत रूप से वेटेरिनरी एवं एनिमल हसबैंड्री से ही मेल खाता हुआ करियर है। अनेक संस्थान एवं महाविद्यालय डेयरी टेक्नोलॉजी से संबंधित कोर्स करा रहे हैं। मगर इसमें मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों जैसे डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी केमिस्ट्री तथा डेयरी बैक्टिरियोलॉजी आदि आते हैं। कोर्स के दौरान छात्रों को मिल्क प्रोडक्शन, डेयरी इक्विपमेंट एंड यूटिलिटीज, मिल्क प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग, डेयरी प्रोडक्ट्स, इंश्योरेंस, डेयरी मैनेजमेंट तथा मार्केटिंग से जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान की जाती है। आजकल डेयरी सेक्टर में तकनीकी जानकारियों को भी जरूरी माना जाता है। इसके चलते कोर्स की महत्ता बढ़ी है।
जाने क्या है बी फार्मा | B pharma Graduation Course in Hindi | Pharmacy Course in Hindi
छात्र को 12वी के बाद अपना करियर चुनने में बहुत दिक्कत होती है। लेकिन 12वीं के बाद छात्र बी फार्मा या डी फार्मा कर अपना करियर फार्मासिस्ट में बना सकते हैं। मेडिकल क्षेत्र में बीते कुछ सालों में नौकरी की अपार संभावनाएं बनी हैं। फार्मेसी में मुख्यत दो प्रकार के कोर्स आते हैं। एक होता है बी फार्मा और दूसरा होता है डी फार्मा। बी फार्मा चार साल का कोर्स होता है और डी फार्मा दो साल का कोर्स होता है इन्हें कर छात्र अपना करियर अच्छी तरह सवांर सकते हैं।
बैचलर ऑफ़ फार्मेसी एक ग्रेजुएशन कोर्स है। जिसे 12th के बाद किया जाता है। जिसमें औषधि, मेडिसीन, दवाई या ड्रग्स से जुड़ी जानकारी दी जाती है यह 4 साल का कोर्स होता है। किस बीमारी में कौन सी दवाई लेना चाहिए इसके बारे में सिखाया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद आप एक अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकते है और चाहे तो अपना भी मेडिकल स्टोर खोल सकते है। इस कोर्स में फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री, बॉयोलॉजी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई करनी होती है। विदेशों में भी इस कोर्स की बहुत मांग है।
बी. टेक एग्रीकल्चरल इंजिनीरिंग | B. Tech Agricultural Engineer
एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग में कैरियर बनाने के लिए कैंडिडेट्स को 12वीं फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ या फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी से पास होना चाहिए। इसके बाद एग्रीकल्चरल इंजिनीरिंग कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है। इस कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर मिलता है। वंही कुछ प्राइवेट कॉलेज में डायरेक्ट भी एडमिशन मिल जाता है।
एग्रीकल्चरल इंजिनीरिंग में करियर बनाने के लिए इसमें डिप्लोमा और बीटेक या बीई इन एग्रीकल्चरल इंजिनीरिंग जैसे कोर्स किये जा सकते हैं। BTech या BE in Agricultural Engineering की अवधि 4 बर्ष होती है। वंही डिप्लोमा कोर्स 3 साल का होता है। इन कोर्स की फीस 4 से 6 लाख के आस-पास होती है। वंही अगर गवर्नमेंट कॉलेज से आप एग्रीकल्चरल इंजिनीरिंग कोर्स करते हैं, तो कम खर्च में भी किया जा सकता है।
बीएससी बायोटेक्नोलॉजी | BSc in Biotechnology in Hindi
बीएससी बायोटेक्नोलॉजी हमारे देश भारत में बड़ी संख्या में पब्लिक और प्राइवेट इंस्टीटूट्स द्वारा कराया जाने वाला एक 3 वर्षीय कोर्स है। बायोटेक्नोलॉजी कोर्स बैचलर ऑफ साइंस कोर्स (Graduation Course) की सबसे लोकप्रिय विशेषज्ञता में से एक है। यह 3 साल लंबा कोर्स है जिसमें 6 सेमेस्टर हैं। जिन छात्रों ने बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी की पढ़ाई की है, उन्हें इस कोर्स को पूरा करने के बाद बहुत सारे कैरियर के अवसर मिलते हैं क्योंकि बीएससी बायोटेक स्नातकों के लिए अवसरों की अंतहीन संख्या है। कई कॉलेज ऐसे भी हैं जो इस कोर्स की पेशकश करते हैं। BFIT उनमें से एक है। यह HNBGU से संबद्ध है जो एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय है जो कई अन्य कॉलेजों को संबद्ध करता है। कोर्स के बारे में बात करते हुए, यह बायोटेक्नोलॉजी के लोकप्रिय क्षेत्रों में से एक है जो मशीन, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जैविक प्रक्रियाओं और जीवित जीवों के अध्ययन को कवर करता है।
बीएससी एग्रीकल्चर | BSc Agriculture in Hindi
बीएससी एग्रीकल्चर अंडरग्रेजुएट का कोर्स है। बीएससी एग्रीकल्चर के लिए आपको 4 साल का समय लगता है। बीएससी एग्रीकल्चर में आपको एग्रीकल्चर रिसर्च और नई तकनीकों के बारे में पढ़ाया जाता है। बीएससी एग्रीकल्चर का उद्देश्य यह है कि वह हमारे देश में एग्रीकल्चर के नया-नया उपकरणों का इस्तेमाल करना हमारे युवाओं को सिखाएं। अभी के समय में कृषि बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और बहुत सारे छात्र इस क्षेत्र में अपना करियर बना रहे है क्योंकि कृषि हमारा प्रमुख उद्योग है और इनका हमारे जीडीपी पर बहुत ज्यादा योगदान रहता है और कृषि में नए-नए उपकरणों और मॉडर्न टेक्निक्स का उपयोग करके हम अपनी खेती को और आगे बढ़ा रहे हैं और अपने देश को खाद्य आपूर्ति में आत्मनिर्भर बना रहे हैं। बीएससी एग्रीकल्चर में आपको कृषि से जुड़ी उन सारी जानकारियों को पढ़ाया जाता है। जिससे आप कृषि क्षेत्र में बहुत ज्यादा योगदान दे सकते हैं। बीएससी एग्रीकल्चर में छात्रों को एग्रोनोमी हॉर्टिकल्चर, plant pathology, entomology agricultural, economics extension, education Genetics and plant breeding, soil science animal husbandry जैसे सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं।