आज के समय में युवा पीढ़ी अपने हिसाब से अपना करियर ऑप्शन चुनना चाहती है। उन्हें क्या पढ़ना है और क्या बनना है यह फैसला और कोई नहीं बल्कि वे खुद करना चाहते है। ऐसे में उनके लिए विषय का चुनाव एक अहम मुद्दा हो जाता है। आज के समय में युवा होटल, मीडिया और व्यपार इंडस्ट्री में अपना करियर बनाना चाहते हैं। मास कम्युनिकेशन आज के समय मे युवाओं के बीच बहुत ही ज्यादा पॉपुलर एक कोर्स हैं। यह पत्रकारिता और जनसंचार का एक कोर्स है। इसको मास मीडिया या मास कम्युनिकेशन भी कहते हैं। इस कोर्स के अंतर्गत फिल्म, रेडियो, टीवी, न्यूजपेपर, एडवरटाइजिंग, पब्लिक रिलेशन, इवेंट मैनेजमेंट, मार्केटिंग आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। मास कम्युनिकेशन को कई नामो से जान जाता है। अलग अलग यूनिवर्सिटी में इसके अलग अलग नाम हो सकते हैं,जैसे कुछ कॉलेज में इसको ‘बैचलर इन जर्नलिज्म एंड मास कॉम्युनिकेशन’ (BJMC) या ‘बीए इन जर्नलिज्म एंड मास कॉम्युनिकेशन’ के नाम से जाना जाता है। लगभग सारे कोर्स एक ही तरह के हैं। साथ ही हम आपको ये भी बता दे की कोई भी विद्यार्थी फिर चाहे वो किसी भी विषयो से जैसे विज्ञान वर्ग , कॉमर्स या आर्ट, इनमे से किसी भी सब्जेक्ट से बारवी पास करा विद्यार्थी मास कम्युनिकेशन फील्ड में प्रवेश ले सकता है। यहाँ हम आपको मास कॉम्युनिकेशन के सारे कोर्स के के बारे में बतायेगे।
बीबीए कोर्स – ग्रेजुएशन कोर्स | BBA Graduation Course
जाने मास कॉम्युनिकेशन से सम्बंधित टॉप कोर्स के बारे में | Types of Mass Communication Courses | Mass Communication Courses List | Mass Communication Courses after 12th
अगर कोई बच्चा मास कॉम्युनिकेशन के फील्ड में अपना करियर बनाना चाहता है तो आर्ट्स स्ट्रीम के जर्नलिज्म में ऐसे बहुत से कोर्स है जिन्हें आप कर सकते है और मास कॉम्युनिकेशन फील्ड में अपना एक बेहतर करियर बना सकते है।
Name of the Mass Communication Course | Type of Course | Duration |
Diploma Course in Development Journalism (विकास पत्रकारिता में डिप्लोमा कोर्स) | Diploma | 4 months |
Diploma in Journalism and Mass Communication (पत्रकारिता और जनसंचार में डिप्लोमा) | Diploma | 2 years |
BA in Journalism (पत्रकारिता में बी.ए.) | Undergraduate Degree | 3 years |
BA Hons Journalism & Mass Communication (BJMC) (बीए ऑनर्स जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (BJMC)) | Undergraduate Degree | 3 years |
Diploma in Media Studies (मीडिया स्टडीज में डिप्लोमा) | Diploma | 3 years |
BA Hons Multi-Media & Mass Communication (BMMMC) (बीए ऑनर्स मल्टी मीडिया एंड मास कम्युनिकेशन (BMMMC)) | Undergraduate Degree | 3 years |
Bachelor of Mass Media (BMM) (मास मीडिया (बीएमएम)) | Undergraduate Degree | 3 years |
BA Hons in Hindi Journalism & Mass Communication (BHJMC) (बीए ऑनर्स इन हिंदी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (BHJMC)) | Undergraduate Degree | 3 years |
B.A. Film Making and Mass Communication (बी 0 ए। फिल्म मेकिंग और मास कम्युनिकेशन) | Undergraduate Degree | 3 years |
M.A in Journalism and Mass Communication (पत्रकारिता और जनसंचार में एम.ए.) | Post-graduate Degree | 2 years |
Post Graduate Diploma in Business Journalism & Corporate Communication (DBJCC) (व्यवसाय पत्रकारिता और कॉर्पोरेट संचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (DBJCC)) | Post-graduate Diploma | 1 year |
P.G. Certificate Course in Hindi Journalism (P.G. सर्टिफिकेट कोर्स इन हिंदी जर्नलिज्म) | Post-graduate Certification | 1 year |
P.G. Diploma in Hindi Journalism (P.G. हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा) | Post-graduate Diploma | 2 years |
PhD in Mass Communication (मास कम्युनिकेशन में पीएचडी) | Doctorate Degree | 2 years |
मास कम्युनिकेशन कोर्स के लिए योग्यता 2024 | Mass communication Course Eligibility 2024
अगर कोई बच्चा मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन कोर्स (बैचलर डिग्री) या डिप्लोमा कोर्स करना चाहता है तो वो किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होना चाहिए। वंही मास कॉम्युनिकेशन में मास्टर या पीजी डिप्लोमा के लिए किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन होना जरूरी है। कुछ यूनिवर्सिटी में मास्टर इन मास कॉम्युनिकेशन में एडमिशन के लिए मास कॉम्युनिकेशन में बैचलर डिग्री होना आवश्यक है। मास कम्युनिकेशन में बैचलर डिग्री की अवधि 3 साल और मास्टर डिग्री की अवधि 2 साल होती है। डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा की अवधि क्रमश 2, और 1 बर्ष होती है।
बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) – ग्रेजुएशन कोर्स
मास कम्युनिकेशन कोर्स फीस 2024 | Mass Communication Course Fees 2024
अगर हम मास कम्युनिकेशन की फीस की बात करें, तो ये हर कॉलेज की अलग अलग होती है। प्राइवेट कॉलेज में मास कम्युनिकेशन कोर्स फीस 50 हजार से 1 लाख प्रतिवर्ष तक होती है। जबकि सरकारी कॉलेज में फीस मात्रा 5 से 10 हजार प्रतिवर्ष होती है। अधिकतर सरकारी कॉलेज में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर मिलता है। कुछ प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है।
मास कम्युनिकेशन ने सूचना और मनोरंजन के फील्ड में नई क्रांति ला दी है। मास कम्युनिकेशन के अंतर्गत न्यूज पोर्टल, ऑनलाइन मीडिया, वेब मीडिया, सोशल मीडिया को सम्मलित किया जाता है। मास कम्युनिकेशन में भी जॉब के बहुत सारे विकल्प हैं। आज के समय मे हर न्यूज़पेपर, न्यूज़ चैनल अपना वेब पोर्टल भी चलते हैं आप इनमें भी कंटेंट राइटर या रिपोर्टर के तौर पर जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य बहुत से न्यूज़ पोर्टल और न्यूज़ वेबसाइटों में काम करने का मौका पा सकते हैं। अगर आप जॉब नही करना चाहते हैं, तो आप खुद का ब्लॉग या न्यूज़ पोर्टल स्टार्ट कर सकते हैं। जिससे आपको बहुत अच्छी कमाई हो सकती है। इसमे कोई खास खर्च भी नही होता है। 10 से 15 हजार में आप न्यूज़ पोर्टल की स्टार्टिंग कर सकते हैं। वेब जॉर्बलिस्म, कोर्स, फीस, कॉलेज।
भारत में शीर्ष 10 शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम | Top 10 Teaching Course 2024
BJMC सिलेबस | BJMC Syllabus 2024 | Mass Communication Syllabus | Graduation in Mass Communication
बैचलर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के विषय नीचे दिए गए हैं।
Introduction to Journalism (Reporting, Writing and Editing) (पत्रकारिता का परिचय (रिपोर्टिंग, लेखन और संपादन)) | Folk Media (लोक मीडिया) |
Writing for Media (मीडिया के लिए लेखन) | Television Journalism, and Production (टेलीविजन पत्रकारिता, और उत्पादन) |
Indian Culture (भारतीय संस्कृति) | Public Relations (जनसंपर्क) |
Socio-Economic and Political Scenario (सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य) | Introduction to Advertising (विज्ञापन का परिचय) |
Basics of Design and Graphics (डिजाइन और ग्राफिक्स की मूल बातें) | Fundamentals of Economics and Indian Economy (अर्थशास्त्र और भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांत) |
Print Journalism (प्रिंट पत्रकारिता) | National and International Affairs (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामले) |
History of Print and Broadcasting in India (भारत में प्रिंट और प्रसारण का इतिहास) | Advertising Practices (विज्ञापन अभ्यास) |
Media Laws and Ethics (मीडिया कानून और नैतिकता) | Media Research (मीडिया रिसर्च) |
Still Photography (फोटोग्राफी) | Event Management: Principles and Methods (इवेंट मैनेजमेंट: सिद्धांत और तरीके) |
Theory of Communication (संचार) | Environment Communication (पर्यावरण संचार) |
State Politics and the Constitution (राज्य की राजनीति और संविधान) | Communication Research (संचार अनुसंधान) |
Application of Computer in Media (मीडिया में कंप्यूटर का अनुप्रयोग) | Tribal Communication (आदिवासी संचार) |
Development and Communication (विकास और संचार) | Media Organisation and Management (मीडिया संगठन और प्रबंधन) |
Radio Journalism and Production (रेडियो पत्रकारिता और उत्पादन) | Contemporary Issues (समकालीन समस्या) |
Basics of Camera, Lights and Sound (कैमरा, लाइट्स और साउंड की मूल बातें) | Value Education (मूल्य शिक्षा) |
Media Management (मीडिया प्रबंधन) | Global Media Scenario (ग्लोबल मीडिया परिदृश्य) |
MJMC पाठ्यक्रम 2024 | MJMC Syllabus 2024
MJMC (मास्टर्स इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) के विषय नीचे दिए गए हैं।
Introduction to Communication (संचार का परिचय) | Print Media (प्रिंट मीडिया) |
Electronic Media (इलेकट्रोनिक मीडिया) | New Media Technology (नई मीडिया प्रौद्योगिकी) |
Print Media in India: Growth and Development (भारत में प्रिंट मीडिया: विकास और विकास) | Intercultural and International Communication (इंटरकल्चरल और इंटरनेशनल कम्युनिकेशन) |
Print Media – Reporting & Desk (प्रिंट मीडिया – रिपोर्टिंग और डेस्क) | Media and Human Rights (मीडिया और मानवाधिकार) |
Advertising (विज्ञापन) | Public Relations and Corporate Communication (जनसंपर्क और कॉर्पोरेट संचार) |
Current Affairs (सामयिकी) | Film Studies (चलचित्र अध्ययन) |
Media Management (मीडिया प्रबंधन) | Photography (फोटोग्राफी) |
Development Communication (विकास संचार) | Media and Society (मीडिया और समाज) |
Media Law and Ethics (मीडिया लॉ एंड एथिक्स) | Intercultural Communication (अंतर – संस्कृति संचार) |
Radio and TV Production Techniques (रेडियो और टीवी प्रोडक्शन तकनीक) | Environment Communication (पर्यावरण संचार) |
मास कम्युनिकेशन से किस फील्ड में आप पा सकते है रोजगार | Mass Communication Career
आर्ट्स साइट से पड़े स्टूडेंट के लिए पत्रकारिता / जनसंचार एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है इस कोर्स के बाद आप इससे जुड़े बहुत से ऐसे फील्ड है जिनमें आप जॉब पा सकते है।
- न्यूज एनालिस्ट एडिटर,
- प्रिंट जर्नलिज्म,अनुसंधान एवं अध्यापन
- एडिटर और रिपोर्टर,
- फ्रीलांस राइटर
- फोटो जर्नलिस्ट,
- प्रिंट पत्रकारिता
- इलेक्ट्रॉनिक (श्रव्य/दृश्य) पत्रकारिता
- वेब पत्रकारिता
- प्रसार भारती
- पब्लिकेशन डिजाइन
- फिल्म मेकिंग में रोजगार से अवसर
- न्यूज एजेंसी
- न्यूज वेबसाइट
- प्रोडक्शन हाउस
- प्राइवेट और सरकारी न्यूज चैनल
डी एड कोर्स की सम्पूर्ण जानकारी | डी एड कोर्स 2024
जाने क्यों करें मास कम्युनिकेशन का कोर्स | Career Scope after Mass Communication
किसी भी कोर्स को करने से पहले हर बच्चे के मन में एक सवाल आम तौर पर जन्म लेता है। वह ये कि उसे ये कोर्स क्यों करना चाहिए। बता दें कि सूचना और तकनीक के इस दौर में जॉब ओरिएंटेड कोर्स करना फायदेमंद है। मास कम्युनिकेशन का उन्हीं कोर्सों में से एक है। बच्चे इस कोर्स को करने के बाद मीडिया और सिनेमा के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। देश के अलग-अलग सरकारी और गैर-सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई होती है। इस कोर्स को करने वाले स्टूडेंट्स एंकर, रिपोर्टर, स्क्रिप्ट राइटर, कैमरा पर्सन, एक्टर, डायरेक्टर, वीडियो एडिटर और न्यूज एडिटर के पद पर काम कर सकते हैं।
डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन | Diploma in Mass Communication
आज के समय मे मास कम्युनिकेशन बच्चों काफी ज्यादा पसंदीदा कैरियर है। मीडिया की चमक दमक ने सभी को प्रभावित किया है। इन दिनों बहुत से लोग रौब रुतवा बनाने के लिए मास कम्युनिकेशन को जॉइन करते हैं। इस कोर्स के बाद आप पत्रकारिता, फ़िल्म इंडस्ट्री, टीवी न्यूज़ चैनल और न्यूजपेपर में रिपोर्टर, एडिटर, कैमरामैन, फ़िल्म डायरेक्टर, आदि क्षेत्रों में कैरियर बना सकते हैं। इसके अलावा विज्ञापन इंडस्ट्री में भी मास कॉम्युनिकेशन के स्टूडेंट्स के लिए रोजगार के द्वार खुले रहते हैं। आज के समय मे मास कम्युनिकेशन के फील्ड में काफी शानदार कैरियर के ऑप्शन हैं। विज्ञापन यानी कि एडवरटाइजिंग के फील्ड में आज के समय मे काफी प्रोफेशनल कर्मचारियों की डिमांड रहती है, क्योकि इन दिनों एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री काफी बुलंदियो पर पहुंच चुकी है। एडवरटाइजिंग के बिना तो मानव जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल से हो गया है। आज की युवा पीढ़ी उसी प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा यूज करने लगे हैं, जिनका वे टीवी चैनल, समाचारपत्र, पत्रिकाओं, होर्डिंग्स आदि में एड देखते हैं। एड मानव संस्कृति पर गहरा प्रभाव डालते हैं। आज के समय मे विज्ञापन इस तरह से प्रस्तुत किये जाते हैं, कि ज्यादा से ज्यादा लोग उसकी ओर आकर्षित हों। आज के समय मे हर कंपनी अपनी प्रोडक्ट और सर्विस की मार्केटिंग के लिए एड का सहारा लेती है। जिसकी वजह से इस सेक्टर में कैरियर की अनेक संभावनाएं बढ रही हैं।
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